वर्क फ्रॉम होम में कर्मचारियों को सुरक्षित कैसे रखें?

How to keep employees safe while working from home: वर्क फ्रॉम होम में कर्मचारियों को सुरक्षित कैसे रखें? हमारी गाइड में जानें कि कैसे अपने रिमोट

वर्क फ्रॉम होम में कर्मचारियों को सुरक्षित कैसे रखें?

हमने हाल के दिनों में घर से काम करने का नया व्यवहार अपनाया है और इससे जुड़ी चुनौतियाँ भी सामने आई हैं। कई लोगों को फर्जी एचआर संदेश और “डेली पेमेंट” जैसे लालच वाले स्कैम का सामना करना पड़ा है।

हमारा मकसद सरल है: समझना और अपने टीम में सुरक्षित तरीके से काम टिकाना। इस गाइड में हम साइबर जोखिम, स्कैम की पहचान और रिपोर्टिंग के ठोस कदम बताएंगे।

हम चरणबद्ध सुरक्षा उपाय, पॉलिसी सुझाव और एक छोटा एक्शन प्लान देंगे ताकि हम आज से ही बेहतर सुरक्षा और अनुपालन शुरू कर सकें। ये कदम हर उस व्यक्ति के लिए उपयोगी होंगे जो अपने काम को घर से सुरक्षित रखना चाहता है।

Table of Contents

महत्वपूर्ण बातें

  • स्कैम पहचानें और संदिग्ध अनुरोध तुरंत रिपोर्ट करें।
  • सुरक्षित होम-ऑफिस के लिए पासवर्ड और 2FA अपनाएँ।
  • टीम प्रशिक्षण और सिमुलेशन से जागरूकता बढ़ाएँ।
  • पॉलिसी में काम के घंटे और खर्च प्रतिपूर्ति स्पष्ट रखें।
  • तेज़ और ठोस इन्सिडेंट रिस्पॉन्स प्लान बनाएं।

आज के संदर्भ में रिमोट काम की सुरक्षा क्यों ज़रूरी है

मार्च 2020 के बाद से देश में वर्क फ्रॉम होम बहुत तेज़ी से बढ़ा है। डिजिटल टूल्स और घरेलू नेटवर्क पर निर्भरता बढ़ने से हमलावरों के लिए नई खिड़कियाँ खुलीं हैं।

स्कैम्स अब फर्जी एचआर मैसेज और सोशल मीडिया पर झूठे जॉब ऑफर के रूप में अधिक होते हैं। लोग डेली पेमेंट और तेज कमाई के लालच में निजी व वित्तीय जानकारी दे देते हैं।

घरेलू वाई-फाई, IoT डिवाइस और अनअपडेटेड सॉफ्टवेयर संगठन के डेटा के लिए बड़ा रिस्क बनते हैं।

  • रेड फ्लैग संकेत: त्वरित ट्रांसफर दबाव, गारंटीड रिटर्न और निजी जानकारी की मांग।
  • सिस्टम जोखिम: अनसिक्योर्ड डिवाइस से संवेदनशील फाइलें लीक हो सकती हैं।
  • नीतिगत संदर्भ: सरकार व नियामक रिमोट कर्मचारियों के अधिकारों व नियोक्ता जिम्मेदारियों पर काम कर रहे हैं, जो सुरक्षा-केन्द्रित शुरुआत बनाते हैं।

हमारे लिए यह स्पष्ट है कि सुरक्षा सिर्फ आईटी का विषय नहीं है; यह हमारी संस्कृति और रोज़मर्रा के फैसलों में निहित प्राथमिकता है। मजबूत उपाय अनुपालन, ब्रांड भरोसा और काम की निरंतरता सुनिश्चित करते हैं।

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वर्क फ्रॉम होम में कर्मचारियों को सुरक्षित कैसे रखें? साइबर और स्कैम से बचाव के ठोस कदम- How to keep employees safe while working from home

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हमारे अनुभव में घर से काम करने पर धोखाधड़ी के नए रूप उभर रहे हैं। ऐसे स्कैम अक्सर सोशल मीडिया और वीडियो प्रमोशन से शुरू होते हैं।

फर्जी एचआर और वीडियो‑लाइक स्कैम पहचानें

लाल झंडे देखें: कॉपी किए हुए लोगो, अजीब ईमेल डोमेन और तेज़ी से भुगतान का वादा। ये संकेत अक्सर मिलकर स्कैम बनाते हैं।

अनचाहे संदेश, ईमेल और फोन पर निजी जानकारी साझा न करें

कभी भी पासवर्ड, OTP, कार्ड/UPI PIN या बैंक अकाउंट विवरण किसी अनजान संदेश में न दें।

अगर फोन या मैसेज दबाव बनाते हैं, तो संवाद तुरंत रोकें और आंतरिक सिक्योरिटी टीम से परामर्श लें।

गैर‑वास्तविक गारंटीड रिटर्न वाले ऑनलाइन/क्रिप्टो ऑफर्स से दूरी

“गैर‑जोखिम” या “गारंटीड रिटर्न” वाले दावे अक्सर ठगी के संकेत हैं। निवेश से पहले रजिस्टर्ड संस्थान, लाइसेंस और जोखिम प्रकटीकरण जाँचें।

संदिग्ध गतिविधि दिखे तो साइबर सेल/पुलिस में रिपोर्ट करें

रिपोर्टिंग के लिए स्क्रीनशॉट, नंबर/लिंक, तारीख‑समय और भुगतान का रिकॉर्ड सुरक्षित रखें।

निकटतम साइबर सेल पोर्टल पर FIR दर्ज कराएं और अंदरूनी रिपोर्टिंग भी फौरन करें।

  • सत्यापन के तीन कदम: आधिकारिक करियर पेज जाँचें, ऑफिशियल ईमेल डोमेन से संवाद कराएं, संदिग्ध लिंक को सैंडबॉक्स में खोलें।
  • सोशल प्रोफाइल प्राइवेसी सख्त रखें और अनजान बिजनेस ऑफर्स पर सतर्क रहें।
  • हमारी नीतियाँ स्पष्ट हों — आधिकारिक चैनल और वेंडर‑वेरीफिकेशन से भ्रम कम होगा।
जोखिमतुरंत कदमकौन सूचित करे
फर्जी जॉब ऑफरकरियर पेज व ईमेल डोमेन की जांचHR और सिक्योरिटी टीम
अनचाहे कॉल/मैसेजकोई वित्तीय जानकारी साझा न करेंकर्मचारी स्वयं और सिक्योरिटी
गैर‑वास्तविक निवेश दावेरजिस्टर्ड लाइसेंस व रिसर्च करेंफाइनेंस टीम

नीतियाँ और लीगल फ्रेमवर्क: नियोक्ता और कर्मचारियों के लिए स्पष्ट नियम

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नियोक्ता और कर्मचारियों के बीच स्पष्ट नियम बनाना अब प्राथमिकता है। इससे काम के समय, खर्च और जिम्मेदारियाँ साफ़ रहती हैं।

काम के घंटे और ओवरटाइम की पारदर्शिता

हम कोर वर्किंग आवर्स, ब्रेक नियम और ऑफ‑आवर्स संपर्क नीति लिखित रखें।

ओवरटाइम की परिभाषा व स्वीकृति प्रक्रिया स्पष्ट होगी ताकि भुगतान या कम्प‑ऑफ पर विवाद न हो।

बिजली और इंटरनेट खर्च की प्रतिपूर्ति मॉडल

हम फ्लैट स्टाइपेन्ड, बिल के प्रतिशत या हाइब्रिड मॉडल पेश करेंगे।

पात्रता नियम और मासिक कैप लिखित होंगे ताकि पारदर्शिता बनी रहे।

भारत के नियम और अंतरराष्ट्रीय सीख

जनवरी में सेवाक्षेत्र के आदेश से वर्क को औपचारिक मान्यता किया गया। सरकार इस पर व्यापक ढांचा तय करने पर विचार कर रही है।

हम पुर्तगाल जैसे देशों की सीमाओं और उपकरण‑समर्थन से सीखकर स्थानीय नीतियाँ ढालेंगे।

  • नियमित SOP: HR, IT और Legal की सहमति से प्रकाशित नीतियाँ।
  • डिवाइस सपोर्ट: एलाउंस या लोन‑पूल विकल्प उपलब्ध होंगे।
  • पॉलिसी एक्सेस: दस्तावेज ऑनलाइन, साइन‑ऑफ और रीफ्रेशर आवश्यक।
नीति क्षेत्रहमारा प्रस्तावलाभ
वर्किंग आवर्सकोर आवर्स + ऑफ‑आवर्स संचार गाइडकम ओवरटाइम विवाद, बेहतर वर्क‑लाइफ बैलेंस
खर्च प्रतिपूर्तिफ्लैट/प्रतिशत/हाइब्रिड विकल्प, मासिक कैपपारदर्शिता और लागत‑नियंत्रण
डिवाइस और फर्नीचरएलाउंस या लोन‑पूल और एर्गोनॉमिक गाइडसुरक्षित सेटअप, कम स्वास्थ्य जोखिम
कानूनी अनुपालनSOPs, अपडेट और कर्मचारियों को सूचनानिगमन जोखिम घटेगा, भरोसा बढ़ेगा

सुरक्षित होम-ऑफिस सेटअप: डेटा, डिवाइस और पासवर्ड की रक्षा

घर पर काम करते समय सही सेटअप हमारे डेटा और प्राइवेसी की पहली रक्षा रेखा है। छोटे नियम अपनाकर हम वीडियो लिंक, ईमेल और फोन पर आने वाले घातक स्कैम से बच सकते हैं।

मजबूत पासवर्ड/पासफ्रेज़, 2FA और अकाउंट एक्सेस नीतियाँ

हम पासफ्रेज़‑आधारित पासवर्ड (12–16 अक्षर) अपनाएँगे और हर क्रिटिकल अकाउंट पर 2FA अनिवार्य करेंगे।

पासवर्ड मैनेजर का उपयोग बढ़ाएँगे ताकि युनिक क्रेडेंशियल्स सुरक्षित रहें और पासवर्ड रीयूज़ बंद हो।

डिवाइस हार्डनिंग: अपडेट, एंटी‑मैलवेयर, और सुरक्षित वाई-फाई

हमारी नीतियाँ बताती हैं: OS/ब्राउज़र/एप्स के ऑटो‑अपडेट चालू रखें, एंटी‑मैलवेयर या EDR इंस्टॉल करें और फुल‑डिस्क एन्क्रिप्शन सक्रिय रखें।

घरेलू वाई‑फाई पर WPA3/WPA2‑PSK, मजबूत राउटर पासवर्ड, गेस्ट नेटवर्क और IoT सेगमेंटेशन लागू करेंगे।

  • ईमेल/मैसेज में लिंक पहले प्रीव्यू और स्कैन करें।
  • सार्वजनिक वाई‑फाई पर VPN और प्राइवेसी स्क्रीन का प्रयोग करें।
  • लॉस्ट डिवाइस पर रिमोट वाइप और इन्सिडेंट रिपोर्टिंग त्वरित रखें।
जोखिमतात्कालिक कदमजिम्मेदार
कमज़ोर पासवर्डपासफ्रेज़ + 2FAकर्मचारियों और IT
अनअप्डेटेड डिवाइसऑटो‑अपडेट और EDRIT टीम
असुरक्षित वाई‑फाईराउटर हर्डनिंग, गेस्ट नेटवर्ककर्मचारी

ऑपरेशनल बेस्ट प्रैक्टिस: कंपनियों और टीमों के लिए क्रियान्वयन योजना

हम एक लागू‑योग्य योजना बनाते हैं जो रोज़मर्रा के वर्क में सुरक्षा जोड़ती है। यह योजना तकनीक, प्रक्रिया और मानवीय जांच को जोड़ती है।

सुरक्षित टूलिंग और नीतियाँ

हम ज़ीरो‑ट्रस्ट लागू करेंगे—हर यूजर, डिवाइस और सेशन को लगातार वेरीफाई करते हुए न्यूनतम एक्सेस देंगे।

  • मानकीकृत टूलिंग: एंटरप्राइज वीपीएन/SDP, SSO+MFA, EDR, DLP और केंद्रीकृत लॉगिंग।
  • डेटा क्लासीफिकेशन: पब्लिक/इंटर्नल/कन्फिडेंशियल/रेस्ट्रिक्टेड लेबल और एक्सेस नियम।
  • जस्ट‑इन‑टाइम एक्सेस और ब्रेक‑ग्लास कंट्रोल प्रोडक्शन डेटा के लिए लागू होंगे।

संवेदनशील कार्यप्रवाह के लिए वैरिफिकेशन कदम

भुगतान या बैंक अकाउंट परिवर्तन जैसे फ्लोज़ में अतिरिक्त वेरिफिकेशन होना चाहिए।

  • 2‑चैनल वेरीफिकेशन: ऑन‑फाइल नंबर पर कॉल‑बैक अनिवार्य होगा।
  • वेंडर/क्लाइंट ऑनबोर्डिंग में KYB/KYC और टेस्ट ट्रांजैक्शन की प्रक्रिया जोड़ी जाएगी।
  • ईमेल सिक्योरिटी (DMARC, DKIM, SPF) और एंटी‑फिशिंग गेटवे को सही से कॉन्फ़िगर करेंगे।
जोखिम क्षेत्रनियंत्रणजिम्मेदार
भुगतान निर्देश बदलना2‑चैनल वेरिफिकेशन, टेस्ट ट्रांजैक्शनफाइनेंस और सिक्योरिटी
प्रोडक्शन डेटा एक्सेसJIT एक्सेस, सेशन रिकॉर्डिंग, ब्रेक‑ग्लासइंजीनियरिंग और IT
फ़िशिंग/मेलवेयरDMARC/DKIM/SPF, एंटी‑फिशिंग गेटवे, EDRIT और सिक्योरिटी ऑप्स

हमारी योजना स्पष्ट SOP, लॉगिंग और SLA‑आधारित इन्सिडेंट रिस्पॉन्स प्लेबुक से पूरी होती है। यह कंपनियों और कर्मचारियों दोनों को भरोसा देता है ताकि वे सुरक्षित रूप से काम कर सकें।

जागरूकता, रिपोर्टिंग और सतत सुधार

जागरूकता रोज़मर्रा की कवायद बनाकर हम खतरों को कम कर सकते हैं। छोटे, नियमित अभ्यास से टीम के लोगों की सजगता बढ़ती है और रिपोर्टिंग तेज़ होती है।

हम हर पखवाड़े 5–7 मिनट के माइक्रो‑ट्रेनिंग मॉड्यूल चलाते हैं। इससे नई फिशिंग तकनीकें और सोशल इंजीनियरिंग ट्रेंड्स समझ में आते हैं और पासवर्ड जैसी बुनियादी आदतें मजबूत होती हैं।

  • तिमाही फिशिंग सिमुलेशन चलाए जाते हैं ताकि क्लिक‑थ्रू और रिपोर्टिंग रेट मापी जा सके।
  • इन्सिडेंट रिस्पॉन्स ड्रिल्स में रोल‑प्ले, एस्केलेशन और कम्युनिकेशन प्लान शामिल होते हैं।
  • हम “See Something, Say Something” को आसान बनाते हैं — एक‑क्लिक रिपोर्टिंग चैनल और समर्पित समर्थन।
क्रियाआवृतिलाभ
माइक्रो‑ट्रेनिंगहर पखवाड़ेनिरंतर सीखना
फिशिंग सिमुलेशनतिमाहीमापनीय सुधार
साक्ष्य संकलन गाइडहमेशा उपलब्धसुसंगत रिपोर्टिंग

स्कैम की रिपोर्ट में स्क्रीनशॉट, मेल‑हेडर, URL, टाइमस्टैम्प और लेनदेन रसीद रखें। यह साक्ष्य साइबर सेल या पुलिस में शिकायत दर्ज करते समय मददगार साबित होते हैं।

निष्कर्ष

आज हम सरल, व्यावहारिक कदम बताकर यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि रिमोट काम सुरक्षित और टिकाऊ बने।

सुरक्षित वर्क फ्रॉम होम की नींव है: जागरूकता, मजबूत नीतियाँ और सही टूलिंग। हम स्कैम पहचान, सत्यापन और रिपोर्टिंग को रोज़मर्रा की आदत बनाएँगे।

घर और डिवाइस को एंटरप्राइज‑ग्रेड अनुशासन से सुरक्षित रखें—2FA, अपडेट्स, एंटी‑मैलवेयर और एन्क्रिप्शन लागू करें। संवेदनशील फ्लोज़ जैसे बैंक अकाउंट बदलाव के लिए 2‑चैनल वैरिफिकेशन अनिवार्य रखें।

नीति स्तर पर स्पष्टता रखें और सरकार द्वारा आने वाले नियमों के साथ SOPs संरेखित करें। छोटे प्रशिक्षण और सिमुलेेशन से हम टीम की सुरक्षा क्षमता बढ़ाएँगे।

आज ही शुरू करें: पासवर्ड मैनेजर चालू करें, 2FA सक्षम करें, डिवाइस अपडेट रखें और रिपोर्टिंग चैनल बुकमार्क करें। हम मिलकर फ्रॉम होम काम को सुरक्षित बना सकते हैं।

FAQ

वर्क फ्रॉम होम में कर्मचारियों को सुरक्षित कैसे रखें?

हम घर से काम करते समय मजबूत पासवर्ड, 2FA और अपडेटेड डिवाइस का उपयोग करते हैं। टीम के लिए स्पष्ट सुरक्षा नीतियाँ बनाते हैं और संवेदनशील जानकारी को एन्क्रिप्ट करते हैं। साथ ही नियमित ट्रेनिंग और रिपोर्टिंग चैनल सक्रिय रखते हैं ताकि स्कैम या डेटा उल्लंघन तुरंत पकड़ में आ सके।

आज के संदर्भ में रिमोट काम की सुरक्षा क्यों ज़रूरी है?

रिमोट काम में व्यक्तिगत और कंपनी डेटा कई लोकेशन्स पर रहता है, इसलिए साइबर हमले व स्कैम का जोखिम बढ़ जाता है। हम सुरक्षा सुनिश्चित करके व्यवसाय की निरंतरता, कर्मचारी विश्वास और कॉम्प्लायंस बनाए रखते हैं।

फर्जी एचआर और “डेली पेमेंट” वाले सोशल मीडिया/वीडियो स्कैम कैसे पहचानें?

हम संदेशों में संदिग्ध लिंक, बातचीत का दबाव, अज्ञात खातों या वादा किए गए तुरंत लाभ जैसी लाल झंडियाँ देखते हैं। आधिकारिक चैनल (कंपनी ईमेल, HR पोर्टल) से तुलना करके सत्यापित करते हैं और किसी भी अनचाही रिक्वेस्ट पर कॉल बैक करते हैं।

अनचाहे मैसेज, ईमेल और कॉल पर व्यक्तिगत/वित्तीय जानकारी साझा क्यों न करें?

ऐसी जानकारी साझा करने से बैंक खाते, पैन या पासवर्ड का दुरुपयोग हो सकता है। हम केवल आधिकारिक, प्रमाणित चैनलों पर और आवश्यकता सिद्ध होने पर ही संवेदनशील डाटा देते हैं।

ऑनलाइन या क्रिप्टो निवेश के गारंटीड रिटर्न वाले ऑफर से कैसे दूरी बनाएं?

हम किसी भी “गारंटीड रिटर्न” या दबाव वाले ऑफर को लाल झंडा मानकर उससे जुड़े रिस्क और रेगुलेटरी क्लियरेन्स की जांच करते हैं। अनजान प्लेटफार्म पर पैसे नहीं भेजते और वित्तीय सलाह विशेषज्ञ से परामर्श लेते हैं।

संदिग्ध गतिविधि दिखे तो किसे रिपोर्ट करें?

हम पहले अपनी IT/साइबर सिक्योरिटी टीम को इनसिडेंट रिपोर्ट करते हैं, और जरूरी होने पर लोकल साइबर सेल या पुलिस में भी शिकायत दर्ज कराते हैं। कंपनी के इन्सिडेंट रिस्पॉन्स प्लान का पालन करते हैं।

काम के घंटे और ओवरटाइम से जुड़ी नीतियाँ कैसे सेट करें?

हम स्पष्ट वर्क-ऑवर, ब्रेक और उपलब्धता नियम तय करते हैं। ओवरटाइम का रिकॉर्ड रखते हैं और पारदर्शी पेमेंट/कमीशन नियम लागू करते हैं ताकि कर्मचारी और नियोक्ता दोनों संरक्षित रहें।

बिजली और इंटरनेट लागत की प्रतिपूर्ति के व्यावहारिक मॉडल क्या हो सकते हैं?

हम सशर्त भत्ते, मासिक अलाउंस या खर्च रिइम्बर्समेंट जैसे मॉडलों का उपयोग करते हैं। खर्च मानदंड और बिलिंग प्रक्रिया साफ़ रखकर पारदर्शिता बनाए रखते हैं।

भारत में बन रहे नियम और अन्य देशों से क्या सीख हैं?

हम भारत में आईटी और लेबर रेगुलेशन पर नजर रखते हैं और पुर्तगाल जैसे देशों की दूरस्थ-कार्य योजनाओं से बिजनेस मॉडल और कर्मचारी भत्ते में सुधार सीखते हैं। रेगुलेटरी कंप्लायंस प्राथमिकता है।

मजबूत पासवर्ड और 2FA को अपनाने के बेस्ट प्रैक्टिस क्या हैं?

हम पासफ्रेज़ का उपयोग करते हैं, पासवर्ड मैनेजर से पासवर्ड सुरक्षित रखते हैं और हर जरूरी अकाउंट पर 2FA चालू करते हैं। पासवर्ड साझा नहीं करते और नियमित अंतराल पर बदलते हैं।

डिवाइस हार्डनिंग में क्या-क्या शामिल होना चाहिए?

इसमें ऑपरेटिंग सिस्टम व सॉफ्टवेयर अपडेट, एंटी-मैलवेयर इंस्टॉल, फायरवॉल कॉन्फिगर और ऑफिस वर्क-डिवाइस पर केवल आवश्यक सॉफ़्टवेयर रखना शामिल है। हम वाई-फाई को WPA3 या कम से कम WPA2 पर सुरक्षित करते हैं।

सुरक्षित टूलिंग के लिए हमें किन तकनीकों पर ध्यान देना चाहिए?

हम VPN, ज़ीरो-ट्रस्ट एक्सेस, मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन और डेटा क्लासीफिकेशन टूल्स अपनाते हैं। इनसे दूरस्थ एक्सेस और संवेदनशील डेटा की सुरक्षा बेहतर होती है।

बैंक अकाउंट या भुगतान से जुड़े कार्यप्रवाह में किन वैरिफिकेशन कदमों की जरूरत है?

हम इनवॉइस व बैंक डिटेल वेरिफिकेशन के लिए मल्टी-स्टेप ऑथराइज़ेशन, आउट-ऑफ-बैंड कन्फर्मेशन (कॉल/वीडियो) और ट्रांजैक्शन लिमिट्स लागू करते हैं ताकि फ्रॉड रुक सके।

फिशिंग सिमुलेशन और माइक्रो-ट्रेनिंग कैसे लागू करें?

हम नियमित फिशिंग सिमुलेशन, छोटे-छोटे मॉड्यूल ट्रेनिंग और क्विक-रिफ्रेशर्स से कर्मचारियों को प्रशिक्षित करते हैं। सफलता के बाद सुधार के लिए रिपोर्ट और फीडबैक लेते हैं।

इनसिडेंट रिस्पॉन्स ड्रिल कितनी बार करनी चाहिए?

हम साल में कम से कम एक बार फुल-स्केल ड्रिल और क्वार्टरली टेबलटॉप एक्सरसाइज करते हैं। इससे टीम की तत्परता और प्रक्रियाओं की प्रभावशीलता बढ़ती है।

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